गुरुवार, सितंबर 06, 2012

एक शेर और एक कविता

अब तो जाते हैं मयकदे से मीर,
फिर मिलेंगे अगर ख़ुदा लाया।

एक कविता

ध्यान में आक बैठ गये हो तुम भी न...
मुझे मुसलसल देख रहे हो तुम भी न...
इश्क ने यूं दोनों को हमआमेज किया...
अब तो तुम भी कह देते हो तुम भी न...
कर जाते हो कोई शरारत चुपके से...
चलो हटो तुम बहुत बहुत बुरे हो तुम भी न...
मांग रहे हो रूखसत मुझसे...
और खुद भी हाथ में हाथ लिए बैठो हो तुम भी न...
खुद ही कहो अब कैसे संवर सकती हूं मैं...
आईने में तुम भी होते हो तुम भी न...
दे जाते हो मुझको कितने रंग नए...
जैसे पहली बार मिले हो तुम भी न...

--अमरीन हसीब अंबर 

ये हम जो शहर के पास अपना गाँव बेचते हैं
यक़ीन कीजिये हाथ और पाँव बेचते हैं

ये तुम जो मुझसे मुहब्बत का मोल पूछते हो
तुम्हें ये किसने कहा पेड़ छाँव बेचते हैं

-अब्बास ताबिश


शुक्रवार, मार्च 23, 2012

तबे एकला चलो रे


"कहानी" देखी.बहुत अच्छी लगी.लेकिन कलकत्ता के गलियों में बजता हुआ रबिन्द्र संगीत मंत्रमुग्ध कर गया.वागी तबे एकला चलो रे.
आइये फिर से दुहरायें  ..


यदि तोर डाक शुने केऊ न आसे
तबे एकला चलो रे।
एकला चलो, एकला चलो, एकला चलो रे!
(जब तुम्हारी पुकार कोई न सुने तब एकला यानी अकेले चलो)

यदि केऊ कथा ना कोय, ओरे, ओरे, ओ अभागा,
यदि सबाई थाके मुख फिराय, सबाई करे भय-
तबे परान खुले
ओ, तुई मुख फूटे तोर मनेर कथा एकला बोलो रे!
(ओ अभागे,जब कोई कुछ न बोले,सब मुंह फेर लें,और सभी भयभीत हों,तब अपने अन्दर झांको अपने मुख से अपनी मन की बात बोलो,एकला बोलो रे)

यदि सबाई फिरे जाय, ओरे, ओरे, ओ अभागा,
यदि गहन पथे जाबार काले केऊ फिरे न जाय-
तबे पथेर काँटा
ओ, तुई रक्तमाला चरन तले एकला दलो रे!
(जब सब दूर चलें जाँय,जब कठिन पथरीले राहों पर कोई साथ न दे,तब तुम अपने कंटीले पथ को खुद ही पद-दलित करो,एकला दलो रे.)

यदि आलो ना घरे, ओरे, ओरे, ओ अभागा-
यदि झड़ बादले आधार राते दुयार देय धरे-
तबे वज्रानले
आपुन बुकेर पांजर जालियेनिये एकला जलो रे!
(जब कहीं रोशनी न मिले,रात काली और तूफानी हो,तब अपने ह्रदय की पीड़ा के आवेग में अकेले जलो,एकला जलो रे)

-रबीन्द्र नाथ टैगोर 

शुक्रवार, मार्च 02, 2012

केरला भ्रमण - वायनाड एरिया

इस श्रीमान की श्रीमती, चुन्नू भाई और हमारा होटल

हमारी सराय - ऐसे ही एक घर बनाने की तमन्ना है

भाई राग अलापते हुए

यही केरला है - बला की खूबसूरती

यही केरला है - बला की खूबसूरती

चुन्नू भाई मम्मी के साथ प्राकृतिक आनंद में मग्न

यही केरला है - बला की खूबसूरती

यही केरला है - बला की खूबसूरती

आनंद आनंद .. बस आनंद

यही केरला है - बला की खूबसूरती

आसन जमाये चुन्नू भाई

अब आप देख रहे हैं एसिया का दूसरा बड़ा डैम

केरला प्राकृतिक स्वर्ग 

बकुल-ध्यानम

कुछ मत सोचो - सिर्फ आनंद लो

चाय के बगान

बांस का जंगल

मत भूलिए आप केरला में हैं

इस पौधे का नाम नहीं पता

लेकिन इसकी सुगंध दूर दूर तक फैलती है.

केरला में इसकी खेती होती है

अब का बताएं भैया ये कौन हैं...

जलप्रपात-जहाँ चुन्नू भाई पानी से डर भूलकर नहाने लगे  

जलप्रपात-जहाँ चुन्नू भाई पानी से डर भूलकर नहाने लगे  

वायनाड वन्य जीव अभयारण्य

जहाँ हमने एक हाथी,एक बन्दर और एक मुर्गी देखी

WOW!!! Its Kerala !!!!!

चाय के बगान

बताने की जरूरत है क्या

The same - Above

चुन्नू भाई - मम्मी के साथ मस्ती


बूखो तो जाने - है न सुन्दर ?

मैसूर पैलेस - जिसे देखने ताजमहल के बाद सबसे ज्यादा लोग आते हैं


मैसूर पैलेस - यकीनन अद्भुत !! अफ़सोस ..अन्दर की फोटोग्राफी मना है

अब फोटो नहीं खिंचवाऊंगा

मैसूर पैलेस का एक दरवाजा

अब तक सबसे साफ़ रेलवे स्टेशन मैंने देखा
बा-मुश्किल तीनों का एक साथ फोटो ढूंढ पाया 

रविवार, जनवरी 15, 2012

रामेश्वरम - मदुरै - कन्याकुमारी दर्शन

रामेश्वरम - रामानाथस्वामी मंदिर का गोपुरम
रामेश्वरम - राम पादम मंदिर के पास एक बिल्ली - कितने प्यार से फोटो खिंचवा रही है.
रामेश्वरम - टी वी टावर ( राम पादम मंदिर से लिया गया फोटो)

रामेश्वरम - एक सुबह

रामेश्वरम - समुद्र की लहरों में एक मछुआरा











रामेश्वरम - समुद्र के अन्दर से रामानाथस्वामी मंदिर का गोपुरम और टी वी टावर

रामेश्वरम - समुद्र की लहरों के साथ


रामेश्वरम - पम्बन ब्रिज से लिया गया दृश्य

मदुरै - मिनाक्षी मंदिर का गोपुरम

मदुरै - मिनाक्षी मंदिर का एक रखवाला


मदुरै - मिनाक्षी मंदिर का गोपुरम
कन्याकुमारी - सूर्योदय दर्शन के लिए इंतज़ार करते लोग-सूर्योदय हो चुका हैबादल के कारण दिखाई नहीं दे रहा.

कन्याकुमारी - गाँधी मंडपम - जहाँ गाँधी जी अस्थियाँ रखी गयी हैं.



कन्याकुमारी - विवेकानंद रॉक मेमोरिअल और संत तिरुवल्लुर

कन्याकुमारी - बूझो तो जाने

कन्याकुमारी - विवेकानंद रॉक मेमोरिअल और संत तिरुवल्लुर

कन्याकुमारी - लहरों से खेलता एक भाई

कन्याकुमारी - आनंदित लोग

कन्याकुमारी - अपनी डफली अपना राग वाला भाई

कन्याकुमारी -  गाँधी मंडपम -भारत माता की जय

कन्याकुमारी -  गाँधी मंडपम -भारत माता की जय

LADY RAMSON CHURCH

LADY RAMSON CHURCH

कन्याकुमारी - रामसन चर्च



कन्याकुमारी - विवेकानंद रॉक मेमोरिअल

कन्याकुमारी - विवेकानंद रॉक मेमोरिअल और संत तिरुवल्लुर

कन्याकुमारी - संत तिरुवल्लुर