वैसे मैं ये सैर काफी पहले कर चुका हूँ..पर आज सोचा आपको भी बता दूं ..
एक दिन श्रीमती ने कहा कि घूमने चला जाय.फिर बड़ी सोच विचार कर..और गूगल देवता से खोज खबर लेकर तय हुआ कि सिलीसेढ़ चला जाय और बोटिंग का आनंद लिया जाय.फिर क्या ..निकल पड़े सुबह सुबह अलवर के लिए.गुडगाँव के इफ्को चौक पहुंचा.थोड़ी देर में अलवर की बस आ गयी.और उसने साढ़े तीन घंटे में अलवर पंहुचाया.एक ऑटो वाले को बुक किया सिलीसेढ़ के लिए.150 रुपये लिए उसने झील पर पहुँचाने के.
वहां जाकर पता चला अन्दर जाने का 30 रुपये प्रति व्यक्ति चार्ज है.साथ में बोटिंग का अलग.और हाँ ये 30 रुपये यदि आप वहां के रेस्टोरेंट में खाते हैं तो बिल के साथ एडजस्ट हो जाते हैं.कहीं सुना है आपने ऐसा?वीकेंड पर भीड़ बहुत होती है.हमारी एक घंटे की वेटिंग थी बोट के लिए.फिर हमने बोटिंग का आनंद उठाया.मजा आ गया..
आइये अब आपको इस झील के बारे में बता दूं..
सिलीसेढ़ अलवर के पास एक झील है.अलवर राजस्थान का एक जिला है.सिलीसेढ़ अलवर से 13 किलोमीटर दूर है.यह अलवर सरिस्का मार्ग से 3 किलोमीटर अन्दर की तरफ है.यह एक मानव निर्मित झील है और राजस्थान के ज्यादातर झीलों की तरह पीने के पानी का संग्रह स्थल थी.
चलो जी बाकी फोटू देख लो..खूबसूरती खुद ब खुद समझ में आ जाएगी...
ये पता नहीं क्या है..पूछने पर भी किसी ने कुछ खास नहीं बताया..हाँ वहां जाना मना है..
ये लेक पैलेस होटल है.इसी के नीचे रेस्टोरेंट भी है.
मौज मस्ती करते करते 4 बज गए.. अब लौटने की बारी थी.हमने सोचा था कि कुछ न कुछ तो मिल ही जायेगा.लेकिन एक घंटे में कुछ नहीं मिला .पास के गाँव वाले बताये कि अब कुछ नहीं मिलेगा.एक बस अलवर जाती है लेकिन लगता है आज नहीं आएगी.आपलोग 3 किलोमीटर दूर मेन रोड पर चले जाइये वहां से कुछ न कुछ मिल जायेगा.खैर एक ट्रक्टर वाला दिखाई दिया.मेरे कहने पर वो रोड तक छोड़ने को तैयार हो गया.उठा पटक करते हुए रोड पर और फिर ऑटो से अलवर फिर गुडगाँव...
इसलिए जब भी सिलीसेढ़ जाइये अपने वाहन का इंतज़ाम जरूर रखिये.
very beautiful pics. really eanjoyable
जवाब देंहटाएंअरे वाह, फोटो देख कर ही आनंद आ गया, जाते तो कुछ औरबात होती।
जवाब देंहटाएं................
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संजय जी, मुझे आपसे एक जरूरी सलाह लेनी है। कृपया अपना मेल पता बतायें। मेर मेल पता है:
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धन्यवाद।