आजकल चेन्नई में हूँ..चेन्नई से जुडी कुछ बातें बताता रहूँगा..
काफी खोजबीन के बाद आज मैंने हिंदी अख़बार "राजस्थान पत्रिका" चेन्नई में ढूंढ निकाला(२४-०८-११).
आपने किसी गाडी को धक्का लगते देखा है?देखा ही होगा..आप कहेंगे ये तो आम बात है..लेकिन अगर मैं ये कहूं की आपने ट्रेन को धक्का लगते देखा है तो आप क्या कहेंगे?मेरा दिमाग सनक गया है..लेकिन नहीं..भारत में एक ऐसा भी रेलवे रूट है जहाँ ट्रेन को धक्का लगाना पड़ता है.जी हाँ.ये स्टेशन इटारसी से नागपुर के बीच पड़ता है.धाराखोह-ये स्टेशन एक छोटा सा स्टेशन है.लेकिन आप यहाँ 4 -5 ट्रेन के इंजिन देख सकते हैं..दरअसल यहाँ सभी ट्रेन में 2 इंजिन जोड़ दिए जाते हैं ..वो भी पीछे से.और ट्रेन को धक्का लगाते हैं.भाई जबरदस्त चढ़ाई जो है.बेचारा एक इंजिन ट्रेन को खींच नहीं पाता.फिर ये दोनों इंजिन अगले स्टेशन -मरमझिरी में अलग कर दिए जाते हैं.चाहे कोई भी ट्रेन हो यहाँ रूकती जरूर है.हैं न मजेदार बात..
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